नमस्कार दोस्तों आज मैं लेकर आया हूँ आप सभी के लिए Best Motivational Poem in Hindi for Students आशा करूँगा कि आपको ये Motivational Poem पसंद आएँगी।
नमस्कार दोस्तों आज मैं लेकर आया हूँ आप सभी के लिए Best Motivational Poem in Hindi for Students आशा करूँगा कि आपको ये Motivational Poem पसंद आएँगी।
Best Motivational Poem in Hindi for Students |
अग्निपथ
Best Motivational Poem in Hindi for Students
आप सभी के लिए Best motivational Poem in Hindi जो है हम सभी के परिचित डॉ हरिवंश राय बच्चन जी की कविता अग्निपथ का जो की डॉ हरिवंश राय बच्चन जी की अतियंत प्रसिद्ध कविता है।
इस कविता का तात्पर्य है की आपको हर परिस्थिति में पुरे धैर्य शक्ति और पूरी एकाग्रता के साथ अपने अग्निपथ अर्थात अग्नियुक्त मार्ग के सामान अपने कठिन उद्देश्य का पीछा कीजिये चाहे जितनी कठिनाई क्यों न सामने आ जाये। आपको लड़ना है आपके सामने आने वाली हर बाधा से लड़ना होगा यही आपका कर्म है - कविवर डॉ हरिवंश राय बच्चन जी कहते है की वृक्ष रुपी ये बेहरूपी दुनिया चाहे जितनी सक्षम और समृद्ध हो आपको उससे भीख रूपी छाव नहीं मांगनी है स्वयं को सक्षम बनाने के अग्निपथ पर निरंतर बढ़ते रहना है।आज शपथ ले की चाहे जितनी भी कठिनाइयां आ जाएं चाहे जितनी असफलता मिले लेकिन तब भी आपको कर्म के अग्निपथ पर बनाये रखना।
अग्निपथ
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँव भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
-हरिवंश राय बचन
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!! Best Motivational Poem in Hindi for Students
मैं आपके लिए लेकर आया हूं बहुत सुंदर कविता जिसका नाम है वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
दोस्तों यह कविता हमें बताती है की एक इंसान का असली सच्चा उद्देश्य क्या होता है आपको किस मार्ग पर चयन करना चाहिए कौन सा मार्ग आपके लिए सबसे ज्यादा बेहतर रहेगा अगर आपने कभी ऐसा सोचा है लेकिन दिलाता हूं कि यह कविता आपको जरूर Motivate करेगी कि आप कुछ कर सकते हैं जो आप चाहे वह आप जरूर पा सकते हैं।
Best Motivational Poem In Hindi For Students |
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
जिन राहों पर दुश्मनों की निगाह होती है,
वो राहें ही हमारे लिए सर्वोपरि होती हैं !
मुश्किलों के राह मे चलने के कारण,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
लोगों को कुछ पाने की तड़प होती है,
पर उनकी ये ख्वाब पूरी नहीं होती है!
चूंकि उनके जीवन में आलस्य होती हैं,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
बीते हुए समय कभी नहीं लौटते हैं,
उन राहों में अपने भी खो जाते हैं!
फूलों और कांटों के ऊपर बनी,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
काबिलियत से ही लोगों की पहचान होती है,
कर्मों से ही सपने स्वीकार होती हैं!
उन सब कर्मों को आज का अभी करें क्योंकि,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
कलम, आज उनकी जय बोल !!
परशुराम की प्रतीक्षा
Best Motivational Poem in Hindi for Students
Motivational Poem in Hindi में मित्रों यह कविता राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी के द्वारा रचित है जो की आपको motivate कर देगी
परशुराम की प्रतीक्षा -Motivational Poem in Hindi |
परशुराम की प्रतीक्षा
हे वीर बन्धु ! दायी है कौन विपद का ?
हम दोषी किसको कहें तुम्हारे वध का ?
यह गहन प्रश्न; कैसे रहस्य समझायें ?
दस-बीस अधिक हों तो हम नाम गिनायें।
पर, कदम-कदम पर यहाँ खड़ा पातक है,
हर तरफ लगाये घात खड़ा घातक है।
घातक है, जो देवता-सदृश दिखता है,
लेकिन, कमरे में गलत हुक्म लिखता है,
जिस पापी को गुण नहीं; गोत्र प्यारा है,
समझो, उसने ही हमें यहाँ मारा है।
जो सत्य जान कर भी न सत्य कहता है,
या किसी लोभ के विवश मूक रहता है,
उस कुटिल राजतन्त्री कदर्य को धिक् है,
यह मूक सत्यहन्ता कम नहीं वधिक है।
चोरों के हैं जो हितू, ठगों के बल हैं,
जिनके प्रताप से पलते पाप सकल हैं,
जो छल-प्रपंच, सब को प्रश्रय देते हैं,
या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं;
यह पाप उन्हीं का हमको मार गया है,
भारत अपने घर में ही हार गया है।
है कौन यहाँ, कारण जो नहीं विपद् का ?
किस पर जिम्मा है नहीं हमारे वध का ?
जो चरम पाप है, हमें उसी की लत है,
दैहिक बल को रहता यह देश ग़लत है.
नेता निमग्न दिन-रात शान्ति-चिन्तन में,
कवि-कलाकार ऊपर उड़ रहे गगन में.
यज्ञाग्नि हिन्द में समिध नहीं पाती है,
पौरुष की ज्वाला रोज बुझी जाती है.
ओ बदनसीब अन्धो ! कमजोर अभागो ?
अब भी तो खोलो नयन, नींद से जागो.
वह अघी, बाहुबल का जो अपलापी है,
जिसकी ज्वाला बुझ गयी, वही पापी है.
जब तक प्रसन्न यह अनल, सुगुण हँसते है;
है जहाँ खड्ग, सब पुण्य वहीं बसते हैं.
वीरता जहाँ पर नहीं, पुण्य का क्षय है,
वीरता जहाँ पर नहीं, स्वार्थ की जय है.
तलवार पुण्य की सखी, धर्मपालक है,
लालच पर अंकुश कठिन, लोभ-सालक है.
असि छोड़, भीरु बन जहाँ धर्म सोता है,
पातक प्रचण्डतम वहीं प्रकट होता है.
तलवारें सोतीं जहाँ बन्द म्यानों में,
किस्मतें वहाँ सड़ती है तहखानों में.
बलिवेदी पर बालियाँ-नथें चढ़ती हैं,
सोने की ईंटें, मगर, नहीं कढ़ती हैं.
पूछो कुबेर से, कब सुवर्ण वे देंगे ?
यदि आज नहीं तो सुयश और कब लेंगे ?
तूफान उठेगा, प्रलय-वाण छूटेगा,
है जहाँ स्वर्ण, बम वहीं, स्यात्, फूटेगा.
जो करें, किन्तु, कंचन यह नहीं बचेगा,
शायद, सुवर्ण पर ही संहार मचेगा।
हम पर अपने पापों का बोझ न डालें,
कह दो सब से, अपना दायित्व सँभालें.
कह दो प्रपंचकारी, कपटी, जाली से,
आलसी, अकर्मठ, काहिल, हड़ताली से,
सी लें जबान, चुपचाप काम पर जायें,
हम यहाँ रक्त, वे घर में स्वेद बहायें.
हम दें उस को विजय, हमें तुम बल दो,
दो शस्त्र और अपना संकल्प अटल दो.
हों खड़े लोग कटिबद्ध वहाँ यदि घर में,
है कौन हमें जीते जो यहाँ समर में ?
हो जहाँ कहीं भी अनय, उसे रोको रे !
जो करें पाप शशि-सूर्य, उन्हें टोको रे !
जा कहो, पुण्य यदि बढ़ा नहीं शासन में,
या आग सुलगती रही प्रजा के मन में;
तामस बढ़ता यदि गया ढकेल प्रभा को,
निर्बन्ध पन्थ यदि मिला नहीं प्रतिभा को,
रिपु नहीं, यही अन्याय हमें मारेगा,
अपने घर में ही फिर स्वदेश हारेगा।
-राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर
पुष्प की अभिलाषा
Best Motivational Poem in Hindi for Students
आपके लिए Best Motivational Poem in Hindi जो की पुष्प की अभिलाषा है अर्थात पुष्प की इच्छा एक पुष्प क्या चाहता है एक फूल क्या चाहते हैं कविवर श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी की अत्यंत सुंदर कविता पुष्प की अभिलाषा हमें बताती है कि किस प्रकार एक पुष्प भी देशभक्ति के लिए समर्पित होकर ना किसी अन्य जगह अपने प्राणों को त्यागने के बजाय वह उस मार्ग पर बिखर जाना चाहता है जहां सभी सिपाही जाते हैं किस प्रकार अपना सर्वस्व देश भक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पित करना चाहता है उसी के संबंध में अत्यंत सुंदर कविता इस प्रकार से है :-
पुष्प की अभिलाषा
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में,
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव,
पर, हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के शिर पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।
-माखनलाल चतुर्वेदी
कलम, आज उनकी जय बोल !!
Best Motivational Poem in Hindi for Students
Friends आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की प्रसिद्ध कविता कलम, आज उनकी जय बोल !!जो की देशभक्ति से ओतप्रोत है जो कि स्मरण दिलाती है हमें उन सभी वीरों का जो हमारे लिए हमारे देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर गए
कलम, आज उनकी जय बोल !!
जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल.
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल
कलम, आज उनकी जय बोल.
पीकर जिनकी लाल शिखाएँ
उगल रही सौ लपट दिशाएं,
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल
कलम, आज उनकी जय बोल.
अंधा चकाचौंध का मारा
क्या जाने इतिहास बेचारा,
साखी हैं उनकी महिमा के
सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल
कलम, आज उनकी जय बोल.
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