नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Student-motivation.com पर आज की हमारी कविता Retirement poems for teachers in Hindi, Poem for Teacher Retirement Party in Hindi शिक्षकों को समर्पित है! शिक्षक देश के महत्वपूर्ण लोग होते है!
ज्ञान का दीपक राहों में जलता देखा है,
और उन दीपकों को जलाते एक भगवान को देखा है
जिसे नाम गुरु का दिया है,
गहराई से बोलू तो उनकी छवि में
इन्सान का बदलना देखा है,
नाता माली का फूल से देखा या
नाता माटी का कुम्हार से देखा,
वही नाता गुरु का शिष्य से देखा है!
गुरु न होते तो किताबों को
भी उजडते देखा है!
और गुरु के होते छात्रों का
आगे बढ़ना भी देखा है!
नि:स्वार्थ भाव का रिश्ता ,
केवल गुरु शिष्य का देखा है!
शब्द नहीं जिनका धन्यवाद करने को,
सिखाते जो सच्ची मानवता ,
देते जो विद्या का अपार धन
, ऐसे गुरु को सत सत नमन!
कठिन मन्ज़िलो को पार कराते जो,
फैली अज्ञानता को मिटाते जो
वक्त निकाल पढाते जो,
शिष्य को ईश्वर तक पहुचाते जो
सदगुणों का देते जो धन
ऐसे गुरु को सत सत नमन ।
उस पेड के नीचे सीचे पौधे,
के समान है शिष्य।
जिसे पेड समान गुरु सीच रहे।
यू हट गया गुरु का छाया ,
तो बेजान हो जाएगा छात्र।
बन गई जरुरत जिनके ज्ञान की,
मुख से जिनका तोल नहीं,
बातें जिनकी अनमोल है
अज्ञान का करदे जो दमन,
पुनः ऐसे गुरु को सत सत नमन।
Post a Comment